
मोदी पहले कभी नहीं की तरह शिकार करते हैं। देशभर में जश्न का माहौल है। सैन्य पोशाक से लेकर जनजातीय परिधानों तक, विविध वेशभूषाओं वाले मोदी के और भी विशाल कटआउट के साथ परेड चल रही है। बैंड, बाजा, बारात है। राम की ऊंची प्रतिमाएं, पुष्प पंखुड़ियों और गुलाल की वर्षा, आतिशबाजी, और भी बहुत कुछ। प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्र को संबोधित करते हैं। इस भव्य समारोह में दुनिया भर के राष्ट्राध्यक्ष उपस्थित हैं। मोदी की ताजपोशी के कवरेज के लिए वैश्विक मीडिया नई दिल्ली में उतर आया है। पूरे कार्यक्रम को ब्रिटिश शाही समारोह की तर्ज पर तैयार किया गया है।

पाटलिपुत्रा न्यूज़ @डेस्क : मंत्रमुग्ध भारतीय मीडिया अपनी प्रकृति के अनुरूप लाहलोट और बिछा हुआ दिख रहा है। मोदी ने घोषणा की है कि देश ने आखिरकार अपनी ‘औपनिवेशिक मानसिकता’ से वास्तविक आजादी हासिल कर ली है। गौरवशाली भारतीय शताब्दी का आरंभ हो चुका है। उनका दावा है कि पांच साल में भारत दुनिया के सबसे विकसित देशों की श्रेणी में एक महाशक्ति बन जाएगा। वह 140 करोड़ भारतीयों को एक बार फिर देश की सेवा करने की जिम्मेदारी देने के लिए धन्यवाद देते हैं और सभी मुख्यमंत्रियों को एक विशेष बैठक के लिए बुलाते हैं।शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया गया है। कुछ आते हैं, कुछ नहीं आते। सभी न्यूज एंकर आश्वस्त हैं कि उन्होंने सही समझा था; वैसे भी उन्हें सब कुछ पता ही रहता है।जिन लोगों को तीसरी पारी पर संदेह था, वे सत्ता के निशाने पर हैं; उन्हें सबसे बुरे दौर की उम्मीद करनी चाहिए। उन पर दया ही की जा सकती है कि यह परिदृश्य बेहद असंभव जैसा है।

