
बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी निरंतर महिलाओं की अस्मिता और गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले आपत्तिजनक बयान क्यों दे रहे है?
नीतीश जी, किसी के कपड़ो में झांकने से बेहतर होता कि आप बिहारवासियों की दुख, तकलीफ और परेशानियों को देखते। सदन हो, चाहे सड़क हो, चाहे चुनावी मंच हो मुख्यमंत्री सब काम धाम छोड़ कर महिलाएं क्या करती है? क्यों करती है? क्या खाती है? क्या ओढ़ती पहनती है? बच्चे क्यों पैदा करती है? बस इन्हीं सब फालतू बातों में लगे रहते है।
बताइए, कह रहे है कि इनके आने से पहले आपके घर की महिलाएं, बहन-बेटियां कपड़े ही नहीं पहनती थी? मुख्यमंत्री जी, यह क्या-क्या कुतर्क गढ़ रहे है? राजनीतिक विरोध करना है तो तर्क और तथ्यों से करिए ना की जब मर्जी अपनी तंग सोच और जुबान से महिलाओं की अस्मिता को ठेस पहुंचायें। आप जिम्मेवार पद पर है थोड़ा जिम्मेवारी और मर्यादा का ख्याल रखिए।
