
पाटलिपुत्रा न्यूज@रजत कुमार,खगौल: गुरुदेव रवीन्द्र नाथ ठाकुर की जयंती सांस्कृतिक संस्था सूत्रधार, खगौल के तत्वावधान में जमालुद्दीन चक स्थित प्रधान कार्यालय में मानवता की भावना के साथ मनाया गया। उक्त अवसर पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई,अध्यक्षता सूत्रधार के महासचिव एवं बिहार कला पुरस्कार वरिष्ठ से सम्मानित नवाब आलम ने की।सबसे पहले गुरुदेव रवीन्द्र नाथ ठाकुर की तस्वीर पर पुष्पांजलि कलाकारों एवम साहित्यकारों द्वारा अर्पित किया गया।गुरुदेव रवीन्द्र नाथ ठाकुर और हमारा समाज विषयक संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए नवाब आलम ने कहा टैगोर के मानवीय पक्षों की चर्चा की और कहा की मानवता की भावना को बढ़ाने की जरूरत है उन्होंने चिंता व्यक्त की कि हम कलाकार,साहित्यकार,पत्रकार वकील डॉक्टर सब हैं लेकिन मानवीय गुणों का सर्वथा अभाव है। वरिष्ठ रंगकर्मी उदय कुमार ने कहा कि रविंद्रनाथ टैगोर एक रचनाकार के साथ साथ गीतकार और चित्रकार भी थे और मानवता के प्रबल पक्षधर एवं सांस्कृतिक चेतना के सूत्रधार थे । उन्होंने शांतिनिकेतन की स्थापना की थी।उनकी कृतियां कालजई है। काबुलीवाला और मिनी कहानी की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें मानवीय मूल्यों को प्राथिमिकता दी गई है। उदय कुमार ने कहा कि कलाकारों को ही नहीं सबको उनकी कहानियां पढ़ना चाहिए। पत्रकार प्रसिद्ध कुमार ने कहा कि मानवता पहले और राष्ट्र बाद में है।

आज की पीढ़ी को उनकी रचनाएं पढ़नी चाहिए। पत्रकार अशोक प्रसाद कुणाल ने कहा कि उनकी अमर कृति गीतांजलि के लिए विश्व का सर्वोच्च सम्मान नोबल पुरस्कार दिया गया था।वे दूसरों को सुधारने की जगह खुद एकला चलो पर अमल किया जाना चाहिए।पत्रकार ,नाटककार और रंगकर्मी राम नारायण पाठक ने उनकी कहानी पोस्टमास्टर की चर्चा करते हुए कहा कि इस कहानी में मानवीय संवेदना की बख़ूबी दर्शाया गया है। वक्ताओं ने कहा कि वे मोबाइल में मग्न होने से अच्छा है कि टैगोर की कहानियों का अध्ययन करें। इसके अलावा विकास कुमार पप्पू , अस्तानन्द सिंह एवं वायरस डांस एकेडमी के निदेशक प्रेम राज गुप्ता आदि भी श्री ठाकुर की कृतियों पर अपने विचार व्यक्त किए। मौके पर मो सदीक, समाजसेवी चंदू प्रिंस, राजीव रंजन त्रिपाठी, भोला सिंह सहित सैंकड़ों लोग मौजूद थे।
