
पाटलिपुत्रा न्यूज़ @डेस्क : बिहार में तेजस्वी यादव तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और उन्होंने यह दावा करके हंगामा खड़ा कर दिया है कि नीतीश कुमार ‘शारीरिक रूप से’ एनडीए में हैं लेकिन ‘आध्यात्मिक रूप से’ इंडिया गठबंधन के साथ हैं। नीतीश बीमारी की बात करके वाराणसी में पीएम मोदी के नामांकन के समय नहीं पहुंचे जिससे इस तरह की अफवाहों को बल मिला है।

पश्चिम बंगाल में 2019 में बीजेपी को वोट करने वाले वामपंथी मतदाता अपनी पार्टियों में लौट रहे हैं। यह एक ऐसी संभावना है जिसकी बीजेपी ने कल्पना भी नहीं की थी। बीजेपी के अनुरोध पर राज्य में बड़ी संख्या में सीएपीएफ (सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज) की तैनाती के बावजूद बंगाल में कम-से-कम तीन बीजेपी उम्मीदवारों- राणाघाट में जगन्नाथ सरकार, पूर्वी बर्धमान-दुर्गापुर में दिलीप घोष और कृष्णानगर में महुआ मोइत्रा को टक्कर दे रहीं ‘राजमाता’ अमृता रॉय- ने आरोप लगाया है कि सीएपीएफ तृणमूल कांग्रेस की मदद कर रही है। संदेशखली और सीएए मुद्दों के तौर पर गर्मा न सके जिन पर भाजपा ने भरोसा कर रखा था।

कोलकाता से एक हजार किलोमीटर दूर कन्नौज में मौजूदा बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक एक मतदान केंद्र में सुरक्षा बलों पर भड़क गए और चेतावनी दी कि वह उन सभी के खिलाफ सतर्कता जांच शुरू करेंगे। हो सकता है कि ये शिकायतें ज्यादा कुछ न कहती हों लेकिन जमीनी स्तर पर क्या हो रहा है, इसका संकेत जरूर करती हैं। यहां तक कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव जो पाठक के खिलाफ मैदान में हैं और उनके जीतने की पूरी उम्मीद है, ने भी शिकायत की कि पुलिस मतदाताओं को वोट डालने के लिए बूथ तक नहीं पहुंचने दे रही है।कन्नौज से दो सौ किलोमीटर दूर यूपी के बरेली में भी एक और वीडियो वायरल हुआ जिसमें दो होमगार्डों ने एक व्यक्ति पर हमला किया और सरकार से ‘मुफ्त राशन’ लेने और फिर भी सरकार के खिलाफ मतदान करने के लिए उसे डांटा।
